- महिलाओं के संघर्ष और स्थिति पर डॉ. शेखर का समर्पित शोध कार्य
- समाज के प्रति डॉ. शेखर की प्रतिबद्धता का प्रतीक है उनका शोध
जौनपुर: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 28वें दीक्षांत समारोह में एक ऐसे भी शख़्श को डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया जो जनपद जौनपुर में अपने अनोखे पहल एवं कार्यों के लिए जाने जाते हैं। प्रज्ञा प्रवाह युवा आयाम जौनपुर के विभाग प्रमुख, रोट्रैक्ट क्लब जौनपुर के संस्थापक अध्यक्ष एवं रक्त योद्धा फाउंडेशन के संस्थापक कुँवर शेखर गुप्ता ने तिलकधारी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वंदना दूबे के निर्देशन में भारतीय अंग्रेजी साहित्य के लेखक गिरीश कर्नाड के नाटको में महिलाओं की विशेष व महत्वपूर्ण भूमिका पर सफलतापूर्वक शोध कार्य संपन्न किया जिसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से विभूषित किया गया।
आदि अनादि काल से नारी शक्ति, शिक्षा, समाज, एवं राष्ट्र की धुरी रही है परन्तु समय-समय पर महिलाओं के साथ समाज में कुछ अस्वीकृत भेदभाव हुआ और उन्हें समाज में तमाम प्रताड़नाएं झेलनी पड़ी परन्तु महिलाओं ने सभी परिस्थितियों में इन सबका बड़े ही विवेक पूर्वक एवं धैर्य के साथ सामना किया। महिलाओं के कुछ इन्ही पहलुओं पर केंद्रित होकर डॉ. कुंवर शेखर गुप्ता ने “वुमन इन द प्लेयेज ऑफ गिरीश कर्नाड” विषय पर अपने व्यापक शोध कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस शोध के अन्तर्गत गिरीश कर्नाड के नाटकों में महिलाओं की भूमिका और उनके सामाजिक योगदान का गहन विश्लेषण किया गया है। उन्होंने अपने शोध के माध्यम से गिरीश कर्नाड के नाटकों में प्रस्तुत महिलाओं के संघर्ष, उनकी आत्मनिर्भरता और समाज में उनकी भूमिका तथा स्थिति को सजीवता पूर्ण तरीके से दर्शाया है। डॉ. शेखर का यह शोध न केवल साहित्यिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है, अपितु यह समाज में महिलाओं की स्थिति और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
बता दें कि इसके अतिरिक्त समाज में विभिन्न सामाजिक संस्थाओ का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. शेखर महिलाओं के जीवन के संघर्ष, अधिकार एवं उसे दूर करने हेतु पुरुषों की महत्वपूर्ण भूमिका जैसी तमाम बिंदुओं पर अपने रचनात्मक लेख, व्याख्यान तथा कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में महिलाओं की आवाज़ को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। उनका यह समर्पण और योगदान समाज के लिए प्रेरणादायक है और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वन्दना सिंह ने डॉ. शेखर के इस शोध के मौखिकी के समय ही उनके कार्यों को सराहते हुए कहा था कि समाज को सही दिशा देने के लिए महिलाओं के संघर्ष एवं उनके जीवन पर इस तरह के शोध कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे शोध कार्य समाज को नई दिशा देने में सहायक होते हैं। डॉ. शेखर का यह शोध कार्य उनके समाज के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
डॉ. शेखर ने अपने शोध कार्य की सफलता के लिए प्रेरणास्रोत दादी स्व. डाॅ आशादेवी गुप्ता तथा दादा स्व. डाॅ रामजी लाल विशारद एवं शोध निर्देशिका प्रोफेसर वन्दना दूबे एवं समस्त अंग्रेजी विभाग, तिलकधारी महाविद्यालय, जौनपुर के प्राध्यापकों को बताया। उन्होंने कहा कि माता अनिता देवी तथा पिता खझड़ी सम्राट सत्य प्रकाश मुन्ना, भाई शशांक किशन एवं बहन स्वाति गुप्ता के निरन्तर सहयोग एवं साथ से ही यह संभव हो सका है।
JAUNPUR NEWS, UTTAR PRADESH, SHARDA PRAVAH, INDIA
Convocation
Jaunpur
Kunwar Shekhar Gupta
NEWS
Research work
Veer Bahadur Singh Purvanchal University
Women's Struggle
