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जौनपुर। जिले में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में 40 वर्षीय संदीप तिवारी की चाइनीज़ मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार संदीप तिवारी, निवासी उमरपुर हरिबंधनपुर, अपनी दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली बेटी मन्नत को सेंट पैट्रिक स्कूल छोड़कर बाइक से घर लौट रहे थे। करीब सुबह 8 बजे, जैसे ही वह शास्त्री ब्रिज पहुंचे, अचानक सड़क के ऊपर फैले चाइनीज़ मांझे में उनका गला उलझ गया। मांझा तेज होने के कारण उनकी गर्दन गहराई से कट गई।
स्थानीय लोगों की मदद से घायल संदीप को तत्काल एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। घटना की सूचना मिलते ही परिवार में मातम छा गया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
चाइनीज़ मांझा पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित सामग्री है। ऐसे में जिला प्रशासन के लिए यह गंभीर लापरवाही मानी जाती है। सामान्यतः ऐसे मामले में प्रशासन निम्न कदम उठाता है—
1. प्रतिबंधित मांझे की बिक्री पर सख़्त अभियान
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शहर के सभी बाजारों, खासकर पतंग सामग्री बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी।
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अवैध रूप से चाइनीज़ मांझा बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज और दुकान सील करने की कार्रवाई।
2. पुलिस और नगर निगम का संयुक्त अभियान
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बिजली के पोल, पुलों, पेड़ों और सड़कों पर फंसे मांझे को हटाने के लिए विशेष टीम गठित की जा सकती है।
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त्योहारों के समय उड़ने वाली पतंगों की निगरानी भी बढ़ाई जा सकती है।
3. जन-जागरूकता अभियान
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सोशल मीडिया, स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता संदेश कि चाइनीज़ मांझा जानलेवा है और पूरी तरह प्रतिबंधित है।
4. पीड़ित परिवार को सहायता
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शासन की ओर से आर्थिक सहायता या आपदा राहत कोष से मदद दी जा सकती है।
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परिवार के साथ जिला प्रशासन का औपचारिक संपर्क एवं सांत्वना।
समाज की भी ज़िम्मेदारी
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लोग अगर किसी दुकान पर चाइनीज़ मांझा बिकते देखें तो पुलिस या प्रशासन को सूचना दें।
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माता-पिता अपने बच्चों को चाइनीज़ मांझा इस्तेमाल न करने की सख़्त हिदायत दें।
मौतों का सिलसिला रोकना आवश्यक
देशभर में हर वर्ष सैकड़ों जानें चाइनीज़ मांझे से जाती हैं—बाइक सवार, पैदल यात्री, यहां तक कि पक्षी भी। जनता को इस मुद्दे को गंभीरता से उठाना चाहिए।
जौनपुर ही नहीं, पूरे भारत में क्या व्यवस्था है?
1. चाइनीज़ मांझा पूरे भारत में प्रतिबंधित
पर्यावरण मंत्रालय ने 2017 में देशभर में चाइनीज़ मांझा (नायलॉन/नॉन-बायोडिग्रेडेबल सिंथेटिक मांझा) की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया।
2. राज्यों में विशेष कानून और जुर्माने
कई राज्यों ने अपने स्तर पर कार्रवाई की है—
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दुकान सील करना
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6 महीने से 2 साल तक की जेल
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5,000 से 1,00,000 रुपये तक जुर्माना
3. फिर भी समस्या क्यों बनी है?
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त्योहारों के पहले दुकानों में चोरी-छुपे इसकी बिक्री
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पर्याप्त छापेमारी न होने के कारण कारोबारियों का मन बढ़ना
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जनता की अनदेखी
