टी. डी. कॉलेज में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया शिक्षक दिवस

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जौनपुर  तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय (टी. डी. कॉलेज) में मंगलवार को महान शिक्षाविद, दार्शनिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में भव्यता और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके उपरांत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राम आसरे सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है, जैसे दीपक के बिना प्रकाश। एक आदर्श शिक्षक न केवल पठन-पाठन करता है, बल्कि अपने आचरण से समाज को दिशा देता है। गुरु-शिष्य का संबंध समाज की प्रकृति का मूल आधार है।”

प्रो. हिमांशु सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि, "गुरु वह दीपक है जो अपने शिष्य के जीवन को ज्ञान से आलोकित करता है।" वहीं प्रो. अजय कुमार दुबे ने कहा, "एक शिक्षक केवल पढ़ाता नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाता है। एक अच्छा शिक्षक किताब, कलम और विचारों से पूरी पीढ़ी को बदल सकता है।”

प्रो. सुधांशु सिन्हा ने शिक्षक को राष्ट्र निर्माता बताते हुए कहा, "शिक्षक वह कारीगर है जो आने वाले भविष्य को आकार देता है।” जबकि प्रो. सुदेश कुमार सिंह ने कहा, "विद्या का सबसे बड़ा दान केवल शिक्षक ही दे सकता है।”

इस अवसर पर डॉ. राजेश कुमार पाल, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. शुभम सिंह, डॉ. अजय कुमार सहित महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापकों ने भी डॉ. राधाकृष्णन के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं की भी सक्रिय भागीदारी रही, जिन्होंने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से माहौल को उल्लासमय बना दिया।


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