जौनपुर : टी.डी. कॉलेज में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर राम आसरे सिंह ने युवाओं को नशे से दूर रहने और शिक्षा व खेलों में सक्रियता बढ़ाने का आह्वान किया।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के डीन एवं नशा मुक्त भारत अभियान के महाविद्यालय संयोजक प्रोफेसर अजय कुमार दुबे ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए समाज और परिवार दोनों को जागरूक होना जरूरी है क्योंकि नशे से सामाजिक और पारिवारिक ताना-बाना प्रभावित होता है। डॉ. राहुल सिंह ने पुनर्वास के प्रयासों को आवश्यक बताया, वहीं डॉ. बालमुकुंद सेठ ने अभियान को कॉलेज तक सीमित न रखते हुए समाज के हर वर्ग तक ले जाने की बात कही। डॉ. अजय कुमार ने कहा कि केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं, समाज को भी नशा मुक्ति का संकल्प लेना होगा।
डॉ. विजय कुमार सिंह ने अभियान को सराहनीय पहल बताया और जन-सहभागिता की आवश्यकता जताई।
प्रोफेसर हिमांशु सिंह ने युवाओं में मोबाइल और रील की लत को भी एक नया नशा करार दिया।
प्रोफेसर सुधांशु सिन्हा ने मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि मीडिया के प्रभाव से भी नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है। प्रोफेसर हरिओम त्रिपाठी ने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए अभियान को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही। डॉ. महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने सरकार से पुनर्वास के लिए और अधिक सक्रियता की मांग की। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को शपथ दिलाई गई कि वे स्वयं नशे से दूर रहेंगे और दूसरों को भी इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करेंगे। संगोष्ठी में शामिल सभी वक्ताओं और विद्यार्थियों के प्रति डॉ. बालमुकुंद सेठ ने आभार प्रकट किया।

